Thursday 7 May 2020

प्लास्टिक/ पॉलीथिन से होने वाली हानियों से सावधान रहने की जरुरत है ...

प्लास्टिक से होने वाली हानियों के प्रति अब सचेत होने की आवश्यकता है। प्लास्टिक की थैलियां और इनसे बनी सामग्री हमारे जीवन में इस कदर घुल मिल गई है कि इनके वगैर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है । कहीं न कहीं इनका उपयोग होता है, ये मजबूत होती है और लोगबाग उपयोग करने के बाद इन्हें फेंक देते हैं और ये नष्ट नहीं होती हैं । फेंक देने के बाद ये जहरीले कचरे के रूप में एकत्रित होकर धरती के वातावरण को विषाक्त बना रही हैं ।

प्लास्टिक से पर्यावरण और मानव जीवन के लिए हानिकारक  और इनसे पड़ने वाले बुरे  प्रभावों के बारे में हर कोई बात तो करता है परन्तु इसका ठोस विकल्प किसी को भी सूझ नहीं रहा है ।  इनसे बनी चींजे उपयोग में तो लाई जाती हैं परन्तु इन्हें नष्ट होने में काफी समय लगता है । देश के 60 से अधिक महानगरों में प्रतिदिन 4000 टन प्लास्टिक/पॉलीथिन का कचरा निकल रहा है और इनसे निकलने वाली प्रदूषित गैसें हमारे वायुमंडल को दिनोंदिन विषाक्त कर रही है और मानव जीवन के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हैं और इनके निस्तारण से महानगरों में दिनोंदिन जगह भी कम पड़ती जा रही है ।

एक जानकारी के अनुसार चेन्नई , मुम्बई ,कलकत्ता, हैदराबाद, बैंगलौर जैसे बड़े महानगर प्रतिदिन सर्वाधिक प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहे हैं । प्लास्टिक/पॉलीथिन की बोतल में दूध और अन्य पेय और अन्य सामग्री पैक की जा रही है जो  व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही हैं । प्लास्टिक/पॉलीथिन में रखी सामग्रियां धूप और गर्मी के कारण इनमें रसायनिक क्रियाएं होने के कारण वे सामग्रियां भी विषाक्त हो जाती हैं जो मानव जीवन को नुकसान पहुँचाती हैं ।

इसके निर्माण में जैविक कार्बनिक एस्सटर का उपयोग किया जाता है और इनको कलरफुल बनाने के लिए इनमें केडनियम और जस्ता जैसे विषाक्त धातुओं का उपयोग भी किया जाता है । इनसे बनी थैलियों और डब्बों में खादय सामग्री और पेयजल रखे जाते हैं तो इनसे निकलने  वाले तत्व और जहरीली गैसे सामग्री और पेय सामग्री को जहरीली बना देते हैं जो मानव जीवन के लिए खतरनाक हानिकारक सिद्ध होते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जन्म दे देते हैं । प्लास्टिक की बोतले और थैलियां सस्ती होती हैं इसलिए इनका अधिकाधिक उपयोग किया जाता है ।

सरकार के द्धारा अधिसूचना भी जारी की गई है कि इनका उपयोग करना बंद किया जाना चाहिए ।  आम जनों को भी अब जागरूक होने की जरुरत है कि इनका उपयोग करना बंद कर दें  जिससे मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हो और साथ ही पृथ्वी का वायुमंडल भी प्रदूषित न हो । हमारी दिनचर्या में ऐसी चीजों का यदि उपयोग किया जाता है तो हमें तत्काल प्रभाव से इन्हें बंद कर देना चाहिए ।  सरकार को भी चाहिए कि इसके कचरे को जला कर बिजली बनाएं और सड़क जैसे निर्माण कार्य में / राजमार्ग बनाने की योजनाओं पर विचार करें । इनका उपयोग करना बंद कराये साथ ही जिससे प्रदूषण भी न हो और वायुमंडल भी विषाक्त न हो साथ ही मानव जीवन भी सुरक्षित रहें ।       

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